कतर ने साढ़े तीन महीने पहले जासूसी के आरोप में जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है. इन्हें एक मामले में मौत की सजा सुनायी गयी थी.

यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है, जिसका विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया है. इन नौसेना कर्मियों में से सात भारत लौट आये हैं, और देश उनकी रिहाई और घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के निर्णय की सराहना कर रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इन नौसेना कर्मियों की रिहाई का फैसला कतर के अमीर द्वारा किया गया है, जिसका स्वागत किया जा रहा है. इस मुद्दे पर भारत सरकार ने कहा कि वह कतर के अमीर के निर्णय की सराहना करती है.

इन पूर्व नौसेना कर्मियों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और इसके बाद कतर की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, इस मुद्दे को लेकर कतर के अधिकारी ने आरोपों का विवरण नहीं दिया था. बाद में इन लोगों की मौत की सजा कम कर दी गयी थी और अलग-अलग सजा सुनायी गयी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले “भारतीय समुदाय की भलाई” पर चर्चा की थी.

इस मुलाकात के बाद, भारत ने इन नौसेना कर्मियों की रिहाई के लिए कतर के निर्णय की सराहना की है

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