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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार (16 फरवरी) को जिस समय अबकी बार-400 पार की हुंकार भर रहे थे, उसके तत्काल बाद रेवाड़ी से छह बार के कांग्रेस विधायक रहे कैप्टन अजय यादव ने पार्टी की दो कमिटियों से इस्तीफा दे दिया. कैप्टन प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और दक्षिण हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. गुड़गांव लोकसभा सीट के तहत आनेवाली विधानसभा की जो इकलौती सीट कांग्रेस ने जीती है, वह कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव के पास है. चिरंजीव राजद अध्यक्ष लालू यादव के दामाद हैं. 2019 के आम चुनाव में कैप्टन अजय यादव कांग्रेस प्रत्याशी थे.

कैप्टन अजय यादव ने पार्टी की इलेक्शन कमिटी और राजनीतिक मामलों की कमिटी से इस्तीफा दिया है,  फिलहाल वह पार्टी में बने हुए हैं. इसकी वजह पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से उनकी अनबन मानी जा रही है. इस इस्तीफे को बहुत बड़ा घटनाक्रम न भी मानें, लेकिन इसने बीजेपी समेत तमाम विरोधी दलों को मौज लेने का मौका तो दे ही दिया है. इस इस्तीफे के समय ने बीजेपी को मनोवैज्ञानिक बढ़त तो दिला ही दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर धरा रेवाड़ी से हरियाणा को राम-राम कर यहां से लोकसभा चुनाव की बुनियाद रख दी. उन्होंने कहा कि 2013 में जब उन्होंने चुनावी कैंपेन की शुरुआत की थी, तब रेवाड़ी की इस धरती ने उन्हें 272 सीटों का आशीर्वाद दिया था. उन्होंने अनुच्छेद-370  हटाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार बीजेपी 370 पार और एनडीए 400 पार, यह आशीर्वाद चाहिए. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई और उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 400 से अधिक सीटें जीती थीं. मोदी उस रेकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं, इसलिए 400 पार का नारा लगवाया. पीएम चाहते तो 400 पार का नारा बीजेपी के लिए भी लगवा सकते थे, लेकिन गठबंधन के नेता  के तौर पर जो स्वस्थ आचरण था, उन्होंने उसे पेश किया कि सबको साथ लेकर चलना है.

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पूरे देश की तरह यहां भी मोदी के विरोध का केंद्र कांग्रेस और उसके नेताओं का परिवारवाद रहा. दरअसल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा जो इस समय प्रदेश में प्रभावी है, पर परिवारवाद का  आरोप लगता रहा है. मोदी ने उनका नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह जरूर कहा कि भले हरियाणा ही क्यों न हो, कांग्रेस एक ही परिवार के मोह में फंसी है. प्रदेश में अभी कांग्रेस कई धड़ों में बंटी है और कई साल से जिलों में संगठन के चुनाव नहीं हुए हैं.

इसके बाद भी यदि मोदी ने कांग्रेस पर ही अटैक किया तो उसके कई अर्थ हैं. प्रदेश में आम आदमी पार्टी  अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है, पड़ोसी राज्यों दिल्ली और पंजाब में उसकी सरकारें हैं. इसके बाद भी मोदी या सीएम मनोहर लाल या स्थानीय सांसद राव  इंद्रजीत किसी ने ‘आप’ का नाम नहीं लिया. इसका साफ संदेश है कि पार्टी आम आदमी पार्टी का नाम लेकर उसे चर्चा में नहीं लाना चाहती. दूसरा यह कि राष्ट्रीय स्तर पर तो बीजेपी की प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ही है, यही वजह रही कि विरोध का सुर कांग्रेस और उसके परिवारवाद के इर्द-गिर्द घूमता रहा. परिवारवाद के मसले पर कांग्रेस को घेरना विरोधी दलों को आसान भी लगता है.

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देश के 22वें एम्स का शिलान्यास जिस रेवाड़ी में हुआ है, उसे हरियाणा का अहीरवाल कहा जाता है. यानी वह इलाका, जहां यादव वोटर प्रभावशाली हैं. हरियाणा  का रेवाड़ी, गुड़गांव का कुछ हिस्सा, नारनौल, महेंद्रगढ़ और राजस्थान का बहरोड़ यह सब मिला कर अहीरवाल का भूगोल बनता है. आपसी रिश्तेदारी भी है. यहां मोदी ने सेना के वन रैंक, वन पेंशन के बहाने भी कांग्रेस को घेरा. पीएम ने कहा कि ओआरओपी से सिर्फ रेवाड़ी के सैनिक परिवारों को 600 करोड़ की आय हुई है, जबकि कांग्रेस की सरकार के समय में इस मद में 500 करोड़ पूरे देश के लिए रखे गये थे. दरअसल, रेवाड़ी में सेना के शौर्य और सहूलियत की बात सीधे 1962 में हुए रेजांग ला युद्ध से जुड़ती है. वहां 120 जवानों ने जिस तरह चीन के 1300 सैनिकों का मुकाबला करते हुए शहादत दी थी, मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में लड़े वे सैनिक इसी अहीरवाल के थे. यूपी-बिहार से अलग इस क्षेत्र में यादव वोट आमतौर पर बीजेपी के साथ माना जाता है, जिसे और पक्का करने का प्रयास मोदी ने किया.

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