जापान एक नयी 10 वर्षीय योजना बना रहा है जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया के चार राष्ट्रों की समुद्री क्षमताओं में सुधार करना है, जो चीन के आक्रमण का सामना कर रहे हैं. यह सहायता फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, और वियतनाम को प्रदान की जायेगी, जिनके पास दक्षिण चीन सागर में राष्ट्रीय सीमाओं का दावा है और जिन्हें चीन के आक्रमण सामना करना पड़ रहा है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज (NIDS), जापान के रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक थिंक टैंक के अधिकारी के अनुसार, टोक्यो ने पहले इस क्षेत्र में कई देशों को एक-बारीक समर्थन पहुंचाया है, लेकिन नई पहल का उद्देश्य है एक दशक के दौरान सुस्त और बदलते सहायता प्रदान करना है.

इस परियोजना की विवरण जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा बनाये जा रहे हैं, जिसे सामान्यत: सरकार को विकास सहायता योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय में कक्षा, अस्पताल और अन्य बुनियादी ढांचा बनाने के लिए सौंपा जाता है.

यह सहायता फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम को प्रदान की जाएगी, जिनमें से सभी के पास दक्षिण चीन सागर में राष्ट्रीय दावे हैं जो चीन द्वारा क्षेत्र में एटोल्स और शॉल्स पर कब्जा करने का प्रभावित हुआ है.

इस परियोजना की मुख्य उद्देश्य है इन राष्ट्रों की समुद्री क्षेत्र जागरुकता और क्षमताओं को बढ़ावा देना और स्थिरता बनाए रखने में मदद करना. इससे यह सहायता “बड़े और तेज कटर्स” के रूप में प्राप्त होगी, जिसके साथ ही उन्हें समुद्री खतरों का बेहतर चित्र मिलेगा.

भविष्य में जापान द्वारा अपेक्षित रूप से जासूसी ड्रोन और मैन्ड सर्वेलेन्स एयरक्राफ्ट प्रदान करने की उम्मीद है.

अधिकारी ने कहा कि जापान इंडियन ओवरसीज डेवेलपमेंट असिस्टेंस के साथ तालमेल रखेगा, जो इन चार राष्ट्रों के लिए होगा.
इडा ने कहा, “ओएसए का प्रमुख उद्देश्य इन राष्ट्रों की समुद्री क्षेत्र जागरूकता और क्षमताओं को बढ़ाना है और स्थिरता बनाये रखने में मदद करना है.”

उनका कहना है कि यह सहायता “दीर्घकालिक तरीके से, 10 वर्षीय कार्यक्रम के तहत प्रदान की जा रही है”, इससे यह स्पष्ट होता है कि जापान का इस दक्षिण-पूर्व एशिया के राष्ट्रों का समर्थन करने का संकल्प बना हुआ है.

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