Ranchi : झारखंड में चंपाई सोरेन सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट विस्तार किया. इसमें दो नये चेहरों के साथ कुल 8 मंत्रियों ने शपथ ली. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ नये चेहरे के तौर पर सरकार में शामिल हुए. वहीं हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे मिथिलेश ठाकुर, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, बेबी देवी, हफीजुल हसन और डॉ रामेश्वर उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली. जेएमएम कोटे से जोबा मांझी एकमात्र ऐसी मंत्री रहीं जिन्हें चंपाई सोरेन में जगह नहीं मिली. हालांकि जोबा मांझी उसी क्षेत्र कोल्हान से आती हैं जिस क्षेत्र से सीएम चंपाई सोरेन आते हैं.
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12वें मंत्री का शपथ न लेना
मंत्रिमंडल विस्तार की सबसे खास बात रही 12वें मंत्री का शपथ न लेना. यह किसी ड्रामे से कम नहीं रहा. राजभवन को मंत्रियों की जो सूची भेजी गयी थी उसमें जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम का भी नाम शामिल था. वह अपने परिवार के साथ शपथ लेने रांची पहुंच भी गये थे. लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के पहले उन्हें सूचना दी गयी कि उन्हें शपथ नहीं लेना है. इस सूचना के बाद वह राजभवन नहीं गये. इसके बाद उन्होंने अपनी नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा है कि यदि दो दिन के अंदर उन्हें शपथ नहीं दिलायी गयी, तो वह पार्टी छोड़ देंगे. हालांकि 12वें मंत्री के बारे में कहा जा रहा है कि इसे गठबंधन को साधने के लिए ही खाली छोड़ा गया है. यह सीट जेएमएम कोटे की है, पर कांग्रेस की ओर से हमेशा 5वें मंत्री का दावा ठोंका जाता है. इसी को देखते हुए इस सीट को खाली छोड़ दिया गया है.
कांग्रेस में नाराजगी चरम पर
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चंपाई सोरेन सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री बने हैं. लेकिन ये चारों वही हैं जो हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री थे. कांग्रेस के जो विधायक मंत्री बनने की जुगत में थे, लेकिन बन नहीं पाये उन्होंने खुल कर अपनी नाराजगी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के सामने रखी है. इसके अलावा वे कांग्रेस आलाकमान से भी मिलनेवाले हैं. इन 12 विधायकों में जयमंगल सिंह, इरफान अंसारी, पूर्णिमा नीरज सिंह, राजेश कच्छप, दीपिका पांडेय, उमाशंकर अकेला, सोना सिंकू राम, भूषण बाड़ा, नमन विक्सल कोंगड़ी, रामचंद्र सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और अंबा प्रसाद शामिल हैं. शनिवार की शाम को ये सभी फ्लाइट से दिल्ली पहुंचेंगे. वहां आलाकमान से मिलने की कोशिश करेंगे. हालांकि बताया जा रहा है कि आलाकमान से मिलने के लिए इन्हें वक्त नहीं मिला है. दिल्ली से ये सभी जयपुर शिफ्ट होंगे. बताया जा रहा है कि अपनी एकजुटता दिखाने और प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए सभी विधायक एक साथ रह रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रदेश प्रभारी ने आलाकमान से बात करने के बाद ही चारों पुराने मंत्रियों को रिपीट करने को हरी झंडी दी थी.
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