पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाले बिलावल भुट्टो के चर्चे में हैं, क्योंकि उनकी पार्टी हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में प्रमुख बनी है. प्रधानमंत्री बनने की संभावना के साथ ही, पीपीपी ने गठबंधन सरकार में शामिल होने की योजना बनाई है.
पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) ने चुनाव के बाद इस्लामाबाद में एक बैठक बुलाई है, जिसमें गठबंधन के संभावित प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी. सीईसी ने इमरान खान की पीटीआई समर्थित निर्दलीयों सहित सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करने का निर्णय लिया है.
इस संदर्भ में, पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने समिति का गठन करने की घोषणा की है और सभी पार्टियों के साथ सहमति प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा.
बैठक के बाद सम्मेलन को संबोधित करेत हुए हुए, शेरी रहमान ने बताया कि पीपीपी गठबंधन के संदर्भ में सभी संभावित समझौतों पर विचार-विमर्श करेगी और समिति का गठन मंगलवार को किया जाएगा.
प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ संवाद के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि पीपीपी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ सरकार बनाने के लिए विचार कर रही है.
इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन के साथ समझौता शामिल हो सकता है, जो पीपीपी को सत्ता-साझाकरण पर दबाव डाल रही है.
सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी को लेकर चर्चा हो रही है, जिसमें शहबाज शरीफ पहले कार्यकाल तक पदभार बने रह सकते हैं, और बाद में इसे बिलावल भुट्टो संभाल सकते हैं. कई महत्वपूर्ण पदों के लिए नामित होने पर भी अभी तक मतभेद जारी है.