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हरियाणा की राजनीति में एसआरके (सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी) नाम से मशहूर ग्रुप ने 17 जनवरी से कांग्रेस संदेश यात्रा हिसार से शुरू की है.
यह यात्रा उस समय शुरू की गई है, जब राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं और हरियाणा में पार्टी का घर-घर कांग्रेस, हर घर कांग्रेस अभियान चल रहा है.
इस यात्रा को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कांग्रेसियों के लिए पत्र जारी किया है कि आप अपना पूरा समय और ऊर्जा कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों के दें. इस दौरान किसी अन्य कार्यक्रम से खुद को दूर रखें.
पार्टी प्रदेश में किस कदर बंटी हुई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संदेश यात्रा के पोस्टरों से प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के फोटो नहीं हैं.
पार्टी की शिथिलता इससे दिखती है कि दिसंबर 2022 में जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फरीदाबाद से गुजर रही थी, तब पार्टी की ओर से कहा गया था कि इस यात्रा के पूरा होने के बाद प्रदेश में पार्टी संगठन बना लिया जाएगा, लेकिन आज तक जिलों में संगठन नहीं बना.
संदेश यात्रा निकाल रहीं सैलजा फिलहाल उत्तराखंड कांग्रेस की प्रभारी हैं, किरण चौधरी हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुकी हैं. यात्रा के पहले दिन व्यक्तिगत कारणों से रणदीप सुरजेवाला इसमें शामिल नहीं हुए, दूसरे दिन से उन्होंने संदेश यात्रा में शिरकत की.
मजेदार यह है कि संदेश यात्रा में बीजेपी शासन के विरोध की बात की जा रही है और राहुल-खरगे की बात को जन-जन तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. केंद्र और राज्य की सरकारों को जुमलों की सरकार बताया जा रहा है और सोनिया-राहुल में भरोसा जताया जा रहा है.
यह काम पार्टी के प्रोग्राम ‘हर घर कांग्रेस’ के तहत भी हो सकता है, उसके समानांतर दूसरे कार्यक्रम की जरूरत क्यों है, जानकार इसका मकसद तो समझ रहे हैं और पार्टी के भविष्य को लेकर अंदाजा भी लगा रहे हैं.
हरियाणा विधनसभा में कांग्रेस के इस समय करीब 30 विधायक हैं और पार्टी ने 15 जनवरी से घर-घर कांग्रेस, हर घर कांग्रेस अभियान चला रखा है. हालांकि अधिकतर जिलों में यह कैंपेन दिख नहीं रहा.
वजह यह है कि जिलों में पार्टी का संगठन नहीं है. ऐसे में जो भी कांग्रेसी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, वे अपने लोगों के साथ अपने इलाकों में पार्टी के इस अभियान की रस्मअदायगी करते दिख रहे हैं.
विधानसभा में जो सीटें कांग्रेस ने जीती है, वे उसकी उपलब्धियों से अधिक बीजेपी की नाकामियों और जाट फैक्टर का अंजाम हैं.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए 40 ‘रथ’ फरीदाबाद में तैयार किए गए थे. कहा जाता है कि इनके निर्माण पर निगरानी खुद प्रियंका गांधी ने रखी थी. फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र फरीदाबाद और पलवल दो जिलों में फैला है और इन दो जिलों की 9 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक कांग्रेस के पास है.
एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा विधानसभा के अंदर और बाहर काफी सक्रिय रहते हैं. एक बार फरीदाबाद नगर निगम में बिना काम पेमेंट घोटाले में जांच की मांग को लेकर उन्होंने सिले सिलाए वस्त्रों का त्याग कर दिया थ.
एक बार फिर वह अपनी मांगें पूरी नहीं होने का आरोप लगाकर उन्होंने 17 जनवरी को ‘कफन का चोला’ ओढ़ लिया है. जानकार बताते हैं कि सरसरी तौर पर भले यह जनहित में किया गया कार्य लगे, लेकिन यह भी सच है कि चुनाव तक शायद फिर पार्टी का संगठन न बने और खुद ही चुनाव में सारी जिम्मेदारी उठानी पड़े, इसलिए भी यह सक्रियता लाजिमी है.
अभी करीब डेढ़ साल से उदयभान हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, उसके पहले सैलजा प्रदेश में पार्टी प्रमुख थी और उनके पहले अशोक तंवर.
यानी एक दशक से अधिक समय से पार्टी प्रदेश में बिना संगठन के चल रही है. इस बीच लोकसभा और राज्य विधानसभा के दो-दो चुनाव हो चुके हैं और तीसरा करीब आ गया है. हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस भले मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन लोकसभा में की दस में से कोई सीट कांग्रेस के पास नहीं है.